संयुक्त उद्यम तथा सब्सिडीयरीज़

नूमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड

अत्यन्त संभावनाओं से भरपूर भारत पेट्रोलियम का संयुक्त उद्यम एनआरएल रु. 1000 करोड़ की प्राधिकृत शेयर पूँजी के साथ स्थापित 1993 में स्थापित हुआ था ।
 

31 मार्च 2015 को एनआरएल अदा की हुई शेयर पूँजी रु. 735.63 करोड़ थी। इसमें बीपीसीएल का हिस्सा 61.65% हैं। एनआरएल प्रथम श्रेणी का मिनी रत्न सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है। यह आसाम की 3- रिफाइनरी से कार्यव्यापार संचालित करता हैं। रिफाइनरी के अतिरिक्त एनआरएल के दो मार्केटिंग टर्मिनल भी हैं। सिलीगुड़ी का टर्मिनस उत्पादों की निकासी के लिए है तथा दूसरा नूमालीगढ़ में 10 टीएमटीपीए का एलपीजी बॉटलिंग प्लांट ।
 
वर्ष 2014-2015 के दौरान एनआरएल का क्रूड 2.78 एमएमटी था जबकि पिछले वर्ष यह 2.61 एमएमटी था । इस प्रकार क्षमता का इस्तेमाल 87.1% से बढ़कर 92.5% हो गया। 2014-2015 में एनआरएल की डिस्टिल की मात्रा 90.69% थी जो की देश के सार्वजनिक क्षेत्र के रिफाइनरी उद्यमो में अधिकतम है।ऐसी उपलब्धि एनआरएल ने लगातार चौथे वर्ष प्राप्त की है । वर्ष 2014-2015 के दौरान विशिष्ट ऊर्जा खपत 51.6 एमबीएन थी जो कि इस क्षेत्र में श्रेष्ठ है। सुरक्षा प्रबंधन की दृष्टि से रिफाइनरी में 31 मार्च 2015 तक संचयी लॉस टाइम एक्सीडेंट (एलटीए) 24.5 लाख खरं घंटे पहुँच गया (13 साल, 1 माह)।
 
वर्ष के दौरान एनआरएल ने परियोजना के लिए अनुमोदित राशि 676 करोड़ के भीतर वेक्स प्रोजेक्ट प्रारंभ किया। अब एनआरएल वेक्स उत्पादन में देश का सबसे बड़ा यूनिट है। आशा की जाती है कि उत्पाद (वेक्स) के आयत की स्थानापत्ति में यह यूनिट महत्त्वपूर्ण योगदान देगा ।
 
वर्ष 2014-2015 के लिए एनआरएम का जी आर एम् 16.67 प्रति बैरल था जो कि भारतीय रेफिनेरियों में सर्वोत्तम है जबकि पिछले साल यह 12.09 प्रति बैरल था । ऐसी उच्च जी आर एम् से रिकॉर्ड लाभ प्राप्त करने में सहायता मिली। टैक्स से पूर्व 2014-2015 में रु. 1,134.25 करोड़ था जबकि गाठ वर्ष यह रु. 562.66 करोड़ था। इस प्रकार लाभ में 101 % की वृद्धि हुई ।
 
31 मार्च 2015 के समाप्त वित्तीय वर्ष में एनआरएल के व्यापार से रु.10,827.05 करोड़ राजस्व प्राप्त हुआ जबकि पिछले वर्ष यह रु. 9,876.76 करोड़ था इस प्रकार कुल राजस्व में 6.56 % कि वृद्धि हुई । कर भुगतान के बाद कंपनी को इस वर्ष रु. 718.31 करोड़ का लाभ हुआ जबकि पिछले वर्ष यह 371.09 करोड़ था । कंपनी के संचालक मंडल ने वर्ष 2014 -2015 के लिए पूरी तरह से देय रु. 10 के शेयर पर रु. 4/- का डिविडेंट ( लाभ) देने की सिफारिश की है। 31 मार्च 2015 को एनआरएल का शुद्ध स्वामित्व रु. 3,354.98 करोड़ था तथा प्रत्येक शेयर की बुक – वेल्यु पिछले वर्ष के रु. 40.66 की तुलना में बढ़कर रु.45.61 हो गई ।
 
भारत पेट्रोरिसोर्सज़ लिमिटेड
अपस्ट्रीम एक्सप्लोरेशन तथा उत्पादन क्षेत्र में बी पी सी एल की योजना को क्रियान्वित करने के लिए वर्ष 2006 में अपने पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के रूप में भारत पेट्रोरेसोर्सज़ की स्थापना की।
वर्त्तमान में इसकी प्राधिकृत पूँजी रु. 3000 करोड़ है । 31 मार्च 2015 को बीपीआरएल के अभिदत्त और पूरी तरह से अदा किए हुए शेयर रु. 2,620 करोड़ हैं। अन्य साझीदारों के संघ के साथ बीपीआरएल की 17 एक्प्लोरेशन ब्लॉक में , हिस्सेदारी है। इनमे से 7 ब्लॉक भारत में, 6 ब्राज़ील में तथा मोजांबिक , इंडोनेशिया , ऑस्ट्रेलिया व पूर्वी तैमूर में एक-एक ब्लॉक है। इन 17 ब्लॉकों का कुल क्षेत्र फल 24,375 वर्ग कि.मी है( जहाँ बीपीआरएल इसकी सहायक कंपनी का पी.आई. है)। इसका लगभग 88% रकबा तट से दूर है।
 
बीपीआरएल अपनी कई विदेशी परियोजनाओं को अपनी सहायक कंपनियों के माध्यम से चलाता है। भारत में बीपीआरएल की पूर्ण स्वामित्व कि एक सहायक कंपनी भारत पेट्रो रिसोर्सेज JPDA लिमिटेड है। इसके माध्यम से यह पूर्वी तैमूर में संयुक्त पेट्रोलियम विकास क्षेत्र ( ऑस्ट्रेलिया और पूर्वी तैमूर के मध्य ) के ब्लॉक जेपीडीए 06-103 में 20% की भागेदारी में संलग्न है।
 
बीपीआरएल की पूर्ण स्वामित्व की एक सहायक कंपनी है बीपीआरएल इंटरनेशनल बी वी नीदरलैंड्स है जिसकी आहे तीन पूर्ण स्वामित्व की सहायक कंपनिया हैं। ये हैं – बीपीआरएल वेंचर्स बी वी, बीपीआरएल मोजांबिक बी वी तथा बीपीआरएल वेंचर्स इंडोनेशिया बी वी। बीपीआरएल वेंचर्स बी वी का आईबीवी, ब्राज़ील के 6 ऑफशोर ब्लॉकों में इस समय 20% से 40% तक की होल्डिंग है। बीपीआरएल वेंचर्स मोजांबिक बी वी का मोजांबिक के ब्लॉक में 10% का हिस्सा है तथा बीपीआरएल वेंचर्स इंडोनेशिया बी वी का इंडोनेशिया के 125% ब्लॉकों पर नियंत्रण है ।
 
बीपीआरएल केएसभी ब्लॉक अनुसंधान व मूल्यांकन के विभिन्न चरणों में हैं। 31 मार्च 2015 को समाप्त वित्तीय वर्ष में बीपीआरएल की समेकित आय रु. 386.68 करोड़ थी। इसके सदृश्य वर्ष 2013 -14 में बीपीआरएल की कुल समेकित आय रु. 9.76 करोड़ थी समेकित हानि रु. 531.10 करोड़ थी। ड्रिलिंग परिणामो के मूल्यांकन के आधार पर क्षमताओं की संभावना के अभाव में कंपनी ने कुछ ब्लॉकों पर अधिकार त्याग दिया जिसके कारण यह हानि हुई।
 
पेट्रोनेट सी सी के लिमिटिड (पीसीसीकेएल)
बीपीसीएल ने पीसीसीकेएल के एक्टिविटी पूँजी के 49% हिस्से को अधिग्रहण करने के लिए निवेश किया है। यह (पीसीसीकेएल) पेट्रोनेट इंडिया लिमिटेड के साथ उन्नत संयुक्त उद्यम कंपनी है। इसकी प्राधिकृत पूंजी रु. 135 करोड़ तथा अदा की हुई शेयर पूँजी रु. 100 करोड़ है।
बीपीसीएल की इरिमपनम संस्थापन से करूर तक 292 कि. मी लंबी कोच्चि-करूर बहुउत्पाद पाइप लाइन पर कंपनी एमएस, एचएसडी तथा एसकेओ की ढुलाई का कार्य करती है। इस पाइप लाइन पर कंपनी का स्वामित्व है। सितम्बर 2002 से कंपनी ने वाणिज्यिक कारोबार प्रारंभ कर दिया।
वर्ष 2014 -15 में पम्पिंग परिमाण 2.46 एमएमटी था जबकि विगत वर्ष यह 2.44 एमएमटी था। 31 मार्च 2015 को समाप्त वित्तीय वर्ष के दौरान कंपनी का टर्नओवर रु. 98.27 करोड़ तथा विशुद्ध लाभ 42.96 करोड़ था जबकि इसकी तुलना में पिछले वर्ष टर्नओवर 92.91 करोड़ तथा विशुद्ध मुनाफा 44.54 करोड़ था।
29.5.2015 को बीपीसीएल ने पीसीसीकेएल के वित्तीय निवेशकों से दस-दस के 19,973,332 अतिरिक्त इक्विटी शेयर का अधिग्रहण कर लिया (यह पीसीसीकेएल के अदा की गई शेयर पूँजी का 19.97% है)। इस अधिग्रहण के साथ पीसीसीकेएल बीपीसीएल की सहायक कंपनी बन गई है। 29.5.2015 को पीसीसीकेएल की अदा की गई शेयर पूँजी का 68.97% हिस्सा बीपीसीएल का हैं।
भारत ओमान रिफाइनरी लिमिटिड (बीओआरएल)
भारत ओमान रिफाइनरी लिमिटिड (बीओआरएल) बीपीसीएल तथा ओमान ऑयल कंपनी एस ए ओ सी(ओओसी). की संयुक्त उद्यम कंपनी है । बीओआरएल की अदा की रु. 1,777.23 करोड़ की पूंजी में 31-3-2015 को बीपीसीएल तथा उसी की 50%-50% हिस्सेदारी है।इसके अतिरिक्त बीपीसीएल ने रु. 1,585.68 करोड़ के शेयर वारंट भी खरीदे है।
बीओआरएल ने कच्चे तेल को संसाधित करने के कार्य को उच्चतम सीमा तक ले जाने के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए हैं।बीना रिफाइनरी ने 2014-15 में 6.20 एमएमटी कच्चे तेल को परिशोधित कर क्षमताओं का 103% उपयोग किया जबकि पिछले वर्ष यह 91% था। जून 2011 में कामकाज शुरू होने अब तक की क्षमताओं के उपयोग की यह अधिकतम उपलब्धि है।
 
वर्ष 2014-15 में बीओआरएल ने अपने क्रियाकलापों से सकल राजस्व रु. 29331.17 करोड़ रिकॉर्ड किया जबकि पिछले वर्ष यह रु. 31161.04 करोड़ था। वर्ष 2014-15 के दौरान कच्चे तेल व पेट्रोलियम उत्पादों के दाम में अत्यधिक गिरावट के कारण वित्तीय उपलब्धि प्रभावित हुई। वर्ष 2014-15 में रिफाइनरी का जी आर एम् यूएसडी 6.10 प्रति बैरल था तथा विशुद्ध लाभ रु. 1,681 करोड़ रहा। पिछले वर्ष जी आर एम् यूएसडी 9.30 प्रति बैरल के साथ विशुद्ध लाभ रु. 2217 करोड़ था। इस वर्ष कंपनी का कुल नुकसान रु. 790.17 करोड़ रहा जबकि पिछले वर्ष यह रु. 296.51 करोड़ था।
 
कंपनी ने ऑटो फ्यूल विज़न तथा पॉलिसी 2025 के दिशानिर्देशों के तहत उत्पादों की गुणवत्ता विशिष्टाओं के अनुसार सुधारने तथा रिफाइनरी की क्षमता 6 एमएमटीपीए से बढ़ कर 7.8 एमएमटीपीए करने के लिए एक परियोजना चलाई है। इस परियोजना के लिए भारत सरकार के पर्यावरण ,वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से पर्यावरण संबंधी मंज़ूरी मिल गई है। लाइसेंस्ड यूनिटों की वाईईडीपी सुगम बनाने तथा जीवनोपयोगी वस्तुओं की दीर्घकालीन खरीदी एवं ओपन आर्ट युनिटों – यूटिलिटीज़, ऑफ साइट्स , वी बी पी एल तथा बी ई डी टी के प्रोसेस डिजाइन तैयार करने का कार्य मे० इंजिनीयर्स इंडिया लिमिटेड को दिया गया है। लाइसेंस्ड युनिटो के लिए प्रोसेस डिजाईन पैकेज तैयार करने का कार्य प्रगति पर है।
 
पेट्रोनेट एल एन जी लिमिटेड (पीएलएल)
 

पीएलएल की स्थापना अप्रैल 1998 में लँग का आयात करने तथा LNG टर्मिनल स्थापित करने के लिए किया गया। इन टर्मिनलों, जैटी, स्टोरेज , रेगैसिफिकेशन जैसी सुविधाओं के साथ देश विभिन्न उद्योगों को प्राकृतिक गैस सप्लाई करना था। कंपनी की प्राधिकृत पूँजी 1200 करोड़ रूपए है तथा 750 करोड़ रूपए के खरीदे गए शेयर है।
पीएलएल को चार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों – बी पी सी एल , इंडियन ऑयल कारपोरेशन, तेल और प्राकृतिक गैस लिमिटेड़ तथा गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने प्रायोजित किया है। प्रत्येक कंपनी पीएलएल के 12.5 % एक्टिविटी पूँजी की मालिक है। पेड – अप शेयर केपिटल में जनता की 34.80 % भागेदारी के से पीएलएल एक सूचीबद्ध कंपनी है। बीपीसीएल का पीएलएल में या समय इक्विटी निवेश रु. 98.75 करोड़ का है। रु. 72.85 प्रति शेयर की बुक वैल्यू के साथ 31 मार्च 2015 को पल रु. 5688.63 करोड़ का मालिक है।
31 मार्च 2015 को समाप्त वित्तीय वर्ष में पीएलएल को अपने व्यापार से रु. 39500.95 करोड़ का कुल राजस्व प्राप्त हुआ जबकि 2013-14 यह रु. 37,747.58 करोड़ था। पिछले वर्ष के शुद्ध लाभ रु. 711.92 करोड़ की तुलना में इस वर्ष रु. 882.52 करोड़ रहा। वर्ष 2014-15 का ई पी एस रु. 11.77 करोड़ रहा जबकि पिछले वर्ष यह रु.9.49 करोड़ था। पीएलएल ने वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए 2 रूपए प्रति शेयर के डिविडेंड की घोषणा की है जो कि विगत वर्ष के बराबर ही हैं।

इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल)
 
दिसम्बर 1998 को संयुक्त उद्यम कंपनी की स्थापना हुई। इसका अन्य प्रायोजक जीएआईएल है। इसकी प्राधिकृत पूँजी रु. 200 करोड़ है । इसका उददेश्य दिल्ली के ऑटो मोबाइल सेक्टर तथा घरों को सी एन जी की सप्लाई की योजना को क्रियान्वित करना है
कंपनी की पेड–अप शेयर पूँजी रु. 140 करोड़ है। बी पी सी एल ने इसकी इक्विटी में 22.5% की हिस्सेदारी के लिए रु. 31.50 करोड़ का निवेश किया है । पेड-अप शेयर पूंजी में जनता की 55% भागीदारी के साथ आई जी एल एक सूचीबद्ध कंपनी है ।आई जी एल 326 सी एन जी स्टेशन चला रही है । जिनसे 7,73,400 से अधिक वाहनों को सी एन जी सप्लाई की जा रही है । आई जी एल के दिल्ली में 5600 से अधिक पी एन जी ग्राहक हैं । कंपनी अपने काम का विस्तार गाज़ियाबाद और ग्रेटर नोएडा में भी कर रही है । आई जी एल ने सेंट्रल यू पी गैस लिमिटेड के वित्तीय संस्थानों द्वारा धारित इक्विटी के 50% इक्विटी के अधिग्रहण कर लिया है। महाराष्ट्र गैस लिमिटेड के वित्तीय संस्थानों द्वारा धारित 50% इक्विटी के अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है । ये दोनों बी पी सी एल तथा जी ए आई एल द्वारा प्रायोजित कम्पनियां हैं।
 
31 मार्च 2015 को समाप्त वित्तीय वर्ष में आईजीएल को अपने व्यापार से कुल रु. 4,058.24 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ। टैक्स भुगतान के बाद रु. 437.73 करोड़ का मुनाफा हुआ। इसकी तुलना में पिछले वर्ष कुल राजस्व की प्राप्ति रु. 4324.16 करोड़ तथा टैक्स के बाद लाभ रु. 360.26 करोड़ था। आईजीएल ने प्रति शेयर रु. 6 डिविडेंट की घोषणा की जबकि गत वर्ष यह रु. 5.50 था। 31 मार्च 2015 को आईजीएल का कुल स्वामित्व रु. 2,098.13 करोड़ था तथा बुक वैल्यू के साथ प्रति शेयर का मूल्य रु. 149.87 था।
 
साबरमती गैस लिमिटेड (एसजीएल)
 
बी पी सी एल और गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कारपोरेशन (जीएसजीएल) द्वारा प्रायोजित एसजीएल एक संयुक्त उद्यम कंपनी है। इसकी स्थापना 6 जून 2008 को रु. 100 करोड़ की प्राधिकृत पूँजी के साथ हुई। इसे गुजरात के गांधी नगर मेहसाणा व साबरकांठा ज़िले ऑटोमोबाइल क्षेत्र तथा घरों को सीएनजी की आपूर्ति करने की योजना को कार्यान्वित करने के लिए बनाया गया है। कंपनी की पेड- अप शेयर पूँजी रु. 20 करोड़ है।
दोनों प्रायोजक कंपनियों का एसजीएल की इक्विटी पूँजी में पच्चीस-पच्चीस प्रतिशत हिस्सा है शह वित्तीय संस्थाओं द्वारा जमा किया गया है। एसजीएल ने 38 सीएनजी स्टेशनों की स्थापना की है। 31-3-2015 को समाप्त वित्तीय वर्ष के दौरान एसजीएल ने अपने व्यापार से रु. 939.77 करोड़ का राजस्व जुटाया तथा कुल लाभ रु. 110.84 कमाया जबकि गत वर्ष कुल राजस्व की प्राप्ति रु. 975.72 करोड़ तथा कुल लाभ रु.31.15 करोड़ था। कंपनी ने 31 मार्च 2015 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए प्रत्येक इक्विटी शेयर के लिए रु. 2.50 डिविडेंड की घोषणा की है विगत वर्ष यह रु. 2 प्रति इक्विटी शेयर था।
 
सेंट्रल यू पी गैस लिमिटेड ( सीयूजीएल)
 
मार्च 205 में जीएआईएल के सहयोग से संयुक्त उद्यम कंपनी के रूप में सीयूजीएल की स्थापना की गई। उत्तर प्रदेश के बरेली तथा कानपुर ज़िलों के ऑटोमोबाइल क्षेत्र तथा घरेलू गैस की सप्लाई को कार्यान्वित करने के लिए इसकी स्थापना हुई। कंपनी रु. 60 करोड़ की प्राधिकृत पूँजी के साथ स्थापित हुई। दोनो प्रायोजक कंपनियों ने इक्विटी की पच्चीस – पच्चीस प्रतिशत भागेदारी के लिए पंद्रह-पंद्रह करोड़ की राशि का निवेश किया। शेष 50% बी पी सी एल के संयुक्त उद्यम इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड का मालिकाना है। सीयूजीएल ने 16 सीएनजी स्टेशन स्थापित किए है तथा पीएनजी का व्यवसाय चला रही है।
31 मार्च 2015 को समाप्त वित्तीय वर्ष के दौरान सीयूजीएल ने अपने व्यापार से कुल रु. 205.88 का राजस्व अर्जित किया तथा 27.69 कारोड़ का लाभ कमाया जबकि गत वर्ष रु. 215.32 करोड़ राजस्व अर्जन तथा रु. 25.07 लाभ था। वर्ष 2013-14 के रु. 4.18 की तुलना में इस वर्ष EPS रु. 4.61 है। चालू वर्ष के लिए कंपनी के संचालक मंडल ने प्रति शेयर रु. 1.40 का डिविडेंड देने की सिफारिश की है जबकि गत वर्ष रु. 1.25 प्रति शेयर था।
 
महाराष्ट्र नेचुरल गैस लिमिटेड (एमएनजीएल)
 
पुणे व इसके निकवर्ती क्षेत्र के घरों, उद्योगों तथा ऑटोमोबाइल क्षेत्र को प्राकृतिक गैस सप्लाई को क्रियान्वित करने के लिए एमएनजीएल की जीएआईएल के साथ मिलकर संयुक्त उद्यम कंपनी के रूप में स्थापना की गई। यह कंपनी रु. 100 करोड़ अधिकृत शेयर पूँजी के साथ बनाई गई। कंपनी की पेड – अप शेयर पूँजी रु. 95 करोड़ है। बीपीसीएल और जीएआईएल दोनों ने एमएनजीएल की इक्विटी पूँजी में कमशः 22.50 करोड़ निवेश किए है। महाराष्ट्र सरकार की नॉमिनी एमआईडीसी ने जून 2015 को 5% इक्विटी ग्रहण की है। वित्तीय संस्थाओं के माध्यम से हमारी संयुक्त उद्यम कंपनी आईजीएल शेष 50% का अधिग्रहण करने जा रही है।
कंपनी ने अब तक 30 संग केंद्र स्थापित किए हैं। 31 मार्च 2015 को समाप्त वित्तीय वर्ष में एमएनजीएल ने अपने व्यापार से कुल रु. 499.57 करोड़ का राजस्व अर्जित किया तथा रु. 51.99 करोड़ का लाभ कमाया। गत वर्ष यह क्रमशः रु. 396.17 करोड़ तथा 54.10 करोड़ था गत वर्ष के रु. 1.12 प्रति शेयर डिविडेंड के मुकाबले वर्ष 2014-15 के लिए एमएनजीएल बोर्ड ने रु. 0.75 प्रति शेयर अंतरिम डिविडेंड देने की सिफारिश की है।
 
भारत स्टार्ज़ सर्विसेज़ प्राइवेट लिमिटेड़ (बीएसपीएल)
 
बीपीसीएल तथा ST एयरपोर्ट प्रा. लिमिटेड सिंगापुर द्वारा संयुक्त उद्यम कंपनी के रूप में उन्नत बीएसएसपीएल की स्थापना सितंबर 2007 को बेंगलुरु के नए अंतर-राष्ट्रीय एयर पोर्ट पर हवाई जहाजों में ईंधन भरने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए की गई। बीएसएसपीएल की प्राधिकृत व पेड अप शेयर पूँजी रु. 20 करोड़ है।
दोनों प्रवर्तकों ने इक्विटी शेयर पूँजी में पचास-पचास प्रतिशत अभिधान किया। वर्त्तमान में बीपीसीएल का बीएसएसपीएल में रु. 10 करोड़ का निवेश है। कंपनी ने बेंगलूरु अंतर-राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर अपना कार्यव्यापार मई 2008 को प्रारम्भ कर दिया। कंपनी ने पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी भारत स्टार्ज़ सर्विसेस प्रा. लि. दिल्ली संस्थापित की है। इसका उद्देश्य दिल्ली के अंतर-राष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टी 3 टर्मिनल पर हवाई जहाजों में ईंधन भरने की सेवाएं देना है।
 
31 मार्च 2015 को समाप्त वित्तीय वर्ष में बीएसएसपीएल ने रु. 17.15 करोड़ का व्यापार किया तथा रु. 2.01 करोड़ का लाभ प्राप्त किया जबकि गत वर्ष कुल व्यापर रु. 12.99 करोड़ तथा लाभ रु.2.22 करोड़ था। बोर्ड ने 31 मार्च 2015 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए रु. 0.25 प्रति शेयर डिविडेंड की सिफारिश की है जो गत वर्ष के समान है।
 
बीएसएसपीएल वर्तमान में हवाई जहाज के अंदर सेवाएं चार एयर पोर्टो पर उपलब्ध करवा रहा है। इनमें बेंगलुरू मुंबई तथा दिल्ली का टी 1 एयरपोर्ट शामिल हैं।
 
Bभारत रिन्यूअल एनर्जी लिमिटेड (बीआरईएल)
 
बीआरईएल का संस्थापन 17 जून 2008 को उत्तर प्रदेश में करंज ,जठरोफा तथा पोंगामिया जैसी बागवानी फसलों के उत्पादन , प्राषण, जुताई एवं रोपण के लिए किया गया। साथ ही सभी फसलों, पौधों जिनमें बिओफ्यूएल पौधे भी शामिल हैं, के व्यापार अनुसंधान एवं विकास तथा प्रबंधन का कार्य भी शामिल है।
कंपनी को बीपीसीएल ने नंदन क्लीनटेक लि. (पूर्व की नंदन बायोमेट्रिक्स लि.) हैदराबाद तथा शापूरजी पालोनजी ग्रुप (उनके संबंद्ध एस पी एग्री मैनेजमेंट सर्विसेज़ प्रा. लिमिटेड़ के माध्यम से) के सहयोग से प्रोन्नत किया है।
व्यापार की अव्यव्हार्यता के कारण कंपनी सितम्बर 2014 को बंद कर दी गई है तथा बीपीसीएल ने कोर्ट में बंद करने संबंधी याचिका दायर कर दी है।
मैट्रिक्स भारत प्रा. लिमिटेड (एमबीपीएल)
 
20 मई 2008 को सिंगापुर में उन्नत एमबीपीएल एक संयुक्त उद्यम कंपनी है । इसके उद्देश्यों में सिंगापूर के बाजार में बंकरिंग बिजनेस प्रक्रियाओं तथा समुद्रीय ल्यूब्रिकेंट्स की सप्लाई के साथ साथ अंतर – राष्ट्रीय एवं इसका ( अंतर - राष्ट्रीय बंकरिंग ) का एशिया तथा मध्य पूर्व के बाजारों में विस्तार है ।
कंपनी को बी पी सी एल तथा मबनाफ्त ग्रुप ऑफ कंपनीज , ह्मवर्ग, जर्मनी से संबंध मेट्रिक्स मेरिन फ्यूल एल पी यू एस ए ने उन्नत किया है ।इसकी प्राधिकृत पूँजी 4 लाख यू एस डी है । कंपनी ने एक समान मूल्य के रु. 8.41 करोड़ के शेयर जमा किए हैं । दोनों सांझीदारों शेयर पूँजी में बराबर का योग दिया है । बाद में मेट्रिक मेरिन फ्यूल्ज एलपी यूएसए ने संयुक्त उद्यम में अपने शेयर व हित मेट्रिकस मेरिन फ्यूलज प्राइवेट लिमटेड सिंगापुर की हस्तांतरित क्र दिए जो कि मबनाफ्त ग्रुप की अन्य सम्बद्ध कंपनी है । कंपनी का नाम बदल कर मेट्रिकस भारत प्राइवेट लिमिटेड कर दिया गया है ।
31 -12 -14 को समाप्त वर्ष के दौरान एमबीपीएल का सकल राजस्व यूएसडी 636.38 लाख रहा तथा यूएसडी 1.62 लाख का मुनाफा कमाया जबकि गत वर्ष राजस्व यूएसडी 837.82 तथा मुनाफा यूएसडी 1. 05 लाख था ।
खंड पेट्रोनेट इंडिया लिमिटेड (पीआईएल)
 

बी पी सी एल रु.16 करोड़ के निवेश के साथ पीआईएल की इक्विटी का 16% का भागीदार है । यह एक गैर सरकारी वित्त नियंत्रिक कंपनी है जिसका गठन पूरे देश में पाइप लाइन नेटवर्क के विकास में गति प्रदान करना है ।
संयुक्त उद्यम के माध्यम से संयुक्त वाहक के सिंद्धांत पर वाडिनेर – कांडला, कोच्चि – कोयम्बटूर – करूर ,तथा मंगलोर -हासन – बैंगलोर पाइप लाइनों को विछाने में पीआईएल ने मदद प्रदान की । 31 मार्च 2015 को समाप्त वित्तीय वर्ष के दौरान पीआईएल रु. 1.54 करोड़ की आय दर्ज की तथा रु.1.14 करोड़ का मुनाफा अर्जित किया जबकि पिछले वर्ष आय रु. 0.19 करोड़ तथा रु. 0.06 करोड़ का नुकसान हुआ ।
कुछ समय पूर्व सरकार घोषित नई पाइपलाइन नीति के अनुसार अन्य दिलचस्पी रखने वाली कम्पनियों को भी पाइपलाइन प्रोजेक्ट हाथ में लेने की अनुमति दे दी गई है । इससे कंपनी का भविष्य प्रभावित हुआ है तथा पीआईएल के पास कोई नया प्रोजेक्ट नही है ।अतः पीआईएल के प्रवर्तक व अन्य निवेशक इस निष्कर्ष तक पहुंचे हैं कि पीआईएल को बनाये रखना अव्यवहार्य होगा । अतः पीआईएल द्वारा प्रायोजित तीन संयुक्त उद्यम कम्पनियों में पीआईएल की 26% इक्विटी को विनिवेशित करने की प्रक्रिया प्रगति पर है । इसके बाद कंपनी बंद कर दी जाएगी ।

दिल्ली एविएशन फ्यूल फैसिलिटी प्राइवेट लिमिटेड (डीएएफएफपीएल)
 
डीएएफएफपीएल एक संयुक्त उद्यम कंपनी है । जिसे बीपीसीएल, आईओसी तथा दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड़ ने दिल्ली के अंतर -राष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल T 3 में एविएशन फ्यूल की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए उन्नत किया है ।कंपनी की अधिकृत पूँजी तथा पेड़ – अप शेयर पूँजी क्रमशः रु. 170 करोड़ व रु. 164 करोड़ है । शेयर पूँजी में बीपीसीएल तथा आईओसी की सैंतीस सैंतीस प्रतिशत भागीदारी है जबकि शेष DIAL के पास हैं ।
31 मार्च 2015 को समाप्त वित्तीय वर्ष में कंपनी ने कुल रु. 96.04 करोड़ का व्यापार किया तथा विशुद्ध लाभ रु. 26.58 करोड़ था जबकि गत वर्ष कुल व्यापार रु. 99.01 करोड़ तथा लाभ रु. 30.10 करोड़ था । 31 मार्च को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए कंपनी ने प्रति शेयर रु.1.25 डिविडेंड का प्रस्ताव किया है जोकि पिछले वर्ष जैसा ही है ।
 
कन्नूर एयरपोर्ट लिमिटेड (केआईएएल)
 
कन्नूर तथा भारत के अन्य हिस्सों में एयरपोर्ट व संबद्ध इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने एयरपोर्ट को प्रक्रियाओं को संचालित करने के लिए केआईएएल को केरल सरकार ने पब्लिक लिमिटेड कंपनी के रूप मे उन्नत किया । केआईएएल प्रारम्भ में एयरपोर्ट विकसित करेगा ।इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत रु. 1,892 करोड़ होगी । इस राशि में से रु. 1000 करोड़ इक्विटी से जुटाया जाएगा । शेष राशि उधार लेकर जुटाई जाएगी ।
31 -3-2015 को कंपनी की पेड़ -अप शेयर पूँजी रु. 431.15 करोड़ है । बीपीसीएल ने 21.68% इक्विटी हिस्सेदारी अनुमोदित की है । बोर्ड द्वारा स्वीकृत रु. 216.80 करोड़ में से अब तक रु. 120 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है । केआईएएल के साथ इस उद्देश्य हेतु शेयर होल्डर्स करार पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं । एयरपोर्ट का निर्माण कार्य प्रगति पर हैं तथा उपेक्षा की जाती है कि यह मई 2016 तक पूर्ण हो जाएगा ।
मई 2015 बीपीसीएल एक सहायक कंपनी “बीपीसीएल -केआईएएल “ फ्यूल फार्म प्राइवेट लिमिटेड भी स्थापित की है । यह कंपनी केआईएएल के साथ मिल कर कन्नूर एयरपोर्ट पर फ्यूल फार्म बनाने के लिए स्थापित की गई है । इसमें 74 : 26 की अनुपात की इक्विटी होगी । कंपनी की प्राधिकृत पूँजी रु. 18 करोड़ है ।
जी एस पी एल इंडिया ट्रांसको लिमिटेड
 
बी पी सी एल ने अप्रैल, 2012 को गुजरात स्टेट पेट्रोनेट लिमिटेड, आई ओ सी तथा एच पी सी एल के साथ मालावर्म – भोपाल – भीलवाड़ा -वीजापुर (MBBVPL) गैस पाइपलाइन विछाने के लिए संयुक्त उद्यम करार पर हस्ताक्षर किये गए हैं ।
इस परियोजना की कुल इक्विटी पूँजी में बीपीसीएल का योगदान 11 % होगा । अन्य संयुक्त उद्यम हिस्सेदारों में जीएसपीएल ( 52%) , आईओसी ( 26 % ) तथा एचपीसीएल ( 11 % ) होगा । बीपीसीएल ने अब तक इक्विटी में रु. 15.40 लाख का प्राम्भिक अंशदान किया है । कंपनी रास्तों के अधिकार प्राप्ति की प्रक्रिया में है ।
कंपनी को वर्ष 2014 – 15 में रु. 2.17 करोड़ की फुटकर आय हुई तथा रु. 1.47 करोड़ का मुनाफा हुआ जबकि पिछले वर्ष आय रु. 2.43 करोड़ तथा मुनाफा रु. 1.64 करोड़ था ।
जीएसपीएल इंडिया गैसनेट लिमिटेड
 
बीपीसीएल ने 30 अप्रैल 2012 को गुजरात स्टेट पेट्रोनेट लिमिटेड आईओसी तथा एचपीसीएल के साथ मेहसाणा भठिंडा ( एमबीपीएल ) तथा भटिंडा – जम्मू -श्रीनगर पाइपलाइन विछाने के लिए संयुक्त वेंचर करार पर हस्ताक्षर किए ।
इक्विटी पूँजी में बीपीसीएल का योगदान 11% होगा। अन्य संयुक्त उद्यम भागीदारों में पीएसपीएल (52 %) आईओसी (26%) तथा MPCL (11 %) अंशदान होगा। बपकल ने अब तक इक्विटी में रु. 20.57 करोड़ का योगदान किया हैं। वित्तीय वर्ष 2014-15 में कंपनी क़ी फुटकर आय रु. 1.89 करोड़ तथा रु. 1.28 कारोड़ का मुनाफा हुआ जबकि पिछले वर्ष आय रु. 2.34 करोड़ तथा मुनाफा रु. 1.58 करोड़ था।
 
मुंबई एवियेशन फ्यूल फॉर्म फसिलिटी प्रा. लि. (एमएएफएफएफपीएल)
 
बीपीसीएल ने आईओसी , एचपीसीएल तथा मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. के साथ मुंबई एयरपोर्ट में फ्यूल फॉर्मिंग सुविधा को क्रियान्वित करने तथा इसके प्रबंधन के लिए संयुक्त उद्यम करार पर हस्ताक्षर किए। सभी की 25% समान भागीदारी के साथ एमएएफएफएफपीएल संयुक्त उद्यम कंपनी की स्थापना हुई।
 
बीपीसीएल ने अब तक इक्विटी में रु. 36.47 करोड़ की राशि का निवेश किया है। 31 मार्च 2015 को समाप्त वित्तीय वर्ष में एमएएफएफएफपीएल का कुल राजस्व रु. 19.77 करोड़ था तथा इसे रु. 11.01 करोड़ का नुकसान हुआ।
 
 
कोच्चि सालेम पाइपलाइन लिमिटेड ( केएसपीपीएल)
 
बीपीसीएल ने आईओसी ( इंडियन ऑयल कारपोरेशन) के साथ कोच्चि- कोयम्बतूर -सालेम एल पी जी पाइपलाइन परियोजना को क्रियान्वित करने के लिए संयुक्त उद्यम करार पर हस्ताक्षर किए। केएसपीपीएल की 50:50 शेयर होल्डिंग के आधार पर संयुक्त उद्यम के रूप में स्थापना हुई। बीपीसीएल ने अब तक वेंचर की तैयारी में रु.6.75 करोड़ की राशि का अग्रिम भुगतान जॉइंट कंपनी के वेंचर के लिए किया हैं।