परामर्श
शुरूआत में, काम पर कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं पर काबू पाने के लिए भारत पेट्रोलियम में परामर्श की शुरूआत हुई थी। लेकिन अब, हम उनके जीवन के और करीब आ गए हैं। इस तरह परामर्श का लक्ष्य अब सिर्फ काम पर विवादों को सुलझाने तक सीमित नहीं है, बल्कि अब कर्मचारियों के समग्र विकास से लेकर उनके परिवार के विकास तक सभी मामले इसमें शामिल हैं। इस प्रकार, जिस पर पहले हमारी नज़र रहती थी, वह अब रोकथाम में बादल गया है। समय के साथ, स्वास्थ्य लाभ और सफलता मिलती चली गई और इसके परिणामस्वरूप, कर्मचारियों के कल्याण में परामर्श के मूल्यों का महत्त्वपूर्ण योगदान साबित हुआ। इस प्रकार, रिफाइनरी में परामर्श को, ज़िंदगी को सार्थक रूप से जीने के लिए चलाये जाने वाले अभियान के तौर पर देखा जाता है। परामर्श से मिलने वाली सहायता को अधिकतर कर्मचारियों द्वारा मूल्यवान माना जाता है। व्यक्तिगत मदद में योगदान के रूप में हम नियमित रूप से कर्मचारियों को उनके संयंत्र पर मिलने जाते है, और ऐसा करने वाले कुछ चुनिन्दा कंपनियों में से एक होने पर हमें गर्व है। इससे हमें कर्मचारियों को अच्छी तरह समझने में और उनके लिए योजना बनाने में मदद मिलती है। इसके अनुसार, संयंत्र वार्ता के कारण कर्मचारियों के दिमाग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा, क्योंकि उन्हें लगा है कि कंपनी को उनके मामलों में सचमुच दिलचस्पी है।
व्यसन – एक धीमा ज़हर
आज की दुनिया में शराब और ड्रग का इस्तेमाल बेहद आम है। इन पदार्थों के दुष्परिणामों की जानकारी होते हुए भी, लोग इनके आदी हो जाते हैं। इनके सेवन और व्यसन के कारण, जीवन के महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में व्यक्ति की कार्यक्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है। व्यसनों के चलते काम में बुरा प्रदर्शन होता है तथा सम्बन्धों में अनबन और समंजस्य की समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। कर्मचारियों के कल्याण और काम की गुणवत्ता को बढ़ाने संबंधी बढ़ती जागरूकता के कारण आजकल बहुत सी कंपनियाँ व्यसनों को घटाने का प्रयास करती हैं।
व्यसनी कर्मचारियों को उनकी समस्याओं पर काबू पाने में उनकी मदद करने के निरंतर प्रयास करने वाली कंपनियों में हम अग्रणी कंपनियों में से एक रहे हैं। इस दिशा में सशक्त प्रयासों के रूप में हम कृपा फ़ाउंडेशन के नशामुक्ति केंद्र के साथ सफलतापूर्वक जुड़े हैं। कृपा फ़ाउंडेशन, भारत का एक बहुत बड़ा गैर सरकारी संगठन है, जो रासायनिक निर्भरता और एचआईवी संक्रमण से पीड़ित लोगों की मदद करता है। कृपा, भेदभाव रहित सामुदायिक जीवन प्रदान करता है, जो लोगों को आत्मनिरीक्षण करके जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए मदद करता है।
हमारी सफलता – संयम की शक्ति
हालांकि, यकीन करना कठिन है, किन्तु रिफाइनरी स्तर पर व्यसन-मुक्ति की सफलता का अनुपात 60% है, जबकि विश्वभर में यह अनुपात 45.50% है। परामर्श के ज़रिए जो कर्मचारी शराब की लत से और किसी अन्य समस्या से मुक्त हुए हैं, वह मानव-कल्याण की हमारी श्रृंखला को आगे बढ़ाने का एक सशक्त जरिया बन गए हैं। ये सहकर्मी शिक्षक अपने काम में निपुण होते हैं और अन्य व्यसनी कर्मचारियों और समुदाय की मदद करके वह हमारी सीएसआर गतिविधियों की भी सहायता करते हैं।
पुणे केन्द्र
सम्पूर्ण महाराष्ट्र के व्यसनी महिलाओं और पुरुषों के लिए पुणे में एक नशामुक्ति केन्द्र बनाया गया है। इसे कृपा फ़ाउंडेशन संचालित करता है। हम उनका समर्थन करते हैं और उनके प्रयासों में उनकी मदद करते हैं।
परिवार कल्याण
सभी कर्मचारी सहायता कार्यक्रमों के ज़रिए, एक प्रथा के तौर पर, परिवार को प्राधान्य दिया जाता है। यह एक ज्ञात तथ्य है कि, परिवार यह एक-दूसरे के साथ दृढ़ता से जुड़ी प्रणाली है और जीवन के तनाव और बोझ से निपटने के लिए उसको बेहतर बनाना ज़रूरी है। इसलिए, जब भी कर्मचारी किसी समस्या को लेकर आता है, तब उसके परिवार के सदस्यों के साथ भी संयुक्त परामर्श सत्र आयोजित किए जाते हैं, जिससे समस्या को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाया जा सकता है।
अगली पीढ़ी के कार्यवाहक के रूप में बच्चों को तैयार करना
बच्चे कल के भविष्य हैं और यदि हम हमारे अपने कर्मचारियों के बच्चों की बात करें तो, हम करियर मार्गदर्शन, योग्यता परीक्षण, आदि गतिविधियों के माध्यम से उनका विकास सुनिश्चित करते हैं। हम विभिन्न गतिविधियों जैसे करियर परामर्श, अभिक्षमता परीक्षा इत्यादि के जरिए उनका विकास सुनिश्चित करते हैं।
परवरिश
प्रशिक्षण या कार्यशालाओं के दौरान उनमें शामिल रहने वाला एक मुख्य विषय है परवरिश। यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि आज के प्रतिस्पर्धात्मक विश्व में काम और घर दोनों को संभाल पाना बहुत कठिन है। इसलिए, बच्चों की देखभाल को सुनिश्चित करने के लिए परवरिश सत्रों का आयोजन किया जाता हैं, जिनमें यौवनारंभ की समस्याएँ, जीवन के विभिन्न चरणों में बच्चों के सामने आने वाली भावनात्मक समस्याएँ और कठिनाइयाँ, आदि विषय शामिल होते हैं।
महिला सशक्तिकरण
प्रकृति के सर्वश्रेष्ठ गुण, मातृत्व, करुणा, मानवता और प्रेम महिलाओं में ही बसे होते हैं। महिलाओं को जीवन देने और पोषण करने की क्षमता का वरदान प्राप्त होता है इसीलिए उनको न केवल अपने बच्चों बल्कि सम्पूर्ण ग्रह के संरक्षण और पोषण के प्रति गहरी वचनबद्धता की क्षमता भी प्राप्त है। भारत पेट्रोलियम में सक्षम महिला कर्मचारी हैं, जो उत्साही हैं और दूसरों की मदद के लिए तत्पर हैं। जब भी महिलाएं नियमित रूप से मिलती हैं और उनको प्रभावित करने वाले विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करती हैं, तब महिला शक्ति को सही मायने में देखा जा सकता है। सामान्य रूप से यह कहा जाता है कि महिला ही महिला की सबसे बड़ी दुश्मन है। लेकिन, रिफाइनरी में महिलाओं के बीच के पारस्परिक संबंध असाधारण रूप से उत्तरदायित्व से पूर्ण है, जिससे उनके निजी जीवन और काम पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
सुरक्षा राजदूत
यह एक नई गतिविधि है जिसे रिफाइनरी में शुरू की गई है। कुछ महिला कर्मियों को ‘सुरक्षा राजदूत’ बनाया गया है, ताकि संयंत्र में सुरक्षा के कार्यान्वयन को सुनिश्चित किया जा सके। यह ‘सुरक्षा राजदूत’, संयंत्र के सुरक्षा पर्यवेक्षकों के साथ, यह सुनिश्चित करने के लिए ज़िम्मेदार हैं, कि पर्याप्त सुरक्षा उपायों का पालन किया जा रहा है।