एलएनजी बंकरिंग
समुद्र में जाने वाले जहाज़ों के लिए वायु उत्सर्जन जरूरतें और अधिक कठोर हो रही हैं, इन कठोर उत्सर्जन मानकों के अनुपालन के लिए शिपिंग में प्रोपल्शन ईंधन के रूप में एलएनजी का उपयोग संभव समाधानों में से एक है।
अनुमान है कि वर्ष 2020 तक विश्व के विभिन्न बंदरगाहों पर 1000 एलएनजी चालित जहाज होंगे। बंकरिंग ईंधन के रूप में एलएनजी की संभावना पर किया गया अध्ययन दर्शाता है कि वर्ष 2020 तक एलएनजी की मांग 4-7 एमएमटी प्रति वर्ष होगी।
जहाँ यूरोपीय देशों के कुछ बंदरगाह समुद्री ईंधन के रूप में एलएनजी के इस्तेमाल को प्रोत्साहन देना चाहते हैं और एलएनजी ईंधन वाले जहाज़ों का स्वागत करने की दिशा में तैयारियां कर रहे हैं, वहीँ एशिया की टर्मिनल सुविधाओं में बंकर ईंधन के रूप में एलएनजी प्रदान करने हेतु मूलभूत ढांचा विकास की नवजात स्थिति में है।
कोच्चि, 70 के दशक में कंटेनर लेने वाला भारत का पहला बंदरगाह बना, भारत पेट्रोलियम ने एलएनजी की बंकरिंग को भारतीय तटों तक लाने हेतु पहल की और कोच्चि में एक बार फिर से इतिहास रचा। एक नया जहाज एमवी केवीआईटीबीजेओआरएन जिसे बंकर ईंधन लेने के लिए यूरोप की पहली यात्रा के लिए कोच्चि बंदरगाह लाया गया था, उसे सफलतापूर्वक ईंधन भारत पेट्रोलियम ने ही पीएलएल की एलएनजी लोडिंग सुविधाओं का उपयोग करके दिया।
उपलब्ध सूचना के अनुसार, चीन में विभिन्न बंदरगाहों पर 50 ऐसे जहाज निर्माणाधीन हैं और ये सभी जहाज यूरोप में इनके मालिकों तक भेजे जाने के लिए हैं।