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सस्ते परिवहन की दिशा में संधारणीय विकल्प (सतत)
सतत का लक्ष्य उद्यमियों को संपीडित जैव-गैस (सीबीजी) उत्पादन संयंत्र स्थापित करने और पीएसयू ओएमसी के माध्यम से ऑटोमोटिव ईंधनों में इस्तेमाल के लिए बाज़ार में सीबीजी उपलब्ध करवाने को प्रोत्साहित करना है। वर्ष 2023-24 तक चरणबद्ध तरीके से देशभर में 5000 संपीडित जैव-गैस संयंत्र स्थापित करने की योजना है। इन संयंत्रों से प्रति वर्ष 15 मिलियन टन सीबीजी उत्पादन की अपेक्षा है। सरकार संपीडित जैव गैस (सीबीजी) जिसे जैव सीएनजी के नाम से भी जाना जाता है, के प्रयोग को एक महत्वपूर्ण प्रचार के जरिए भी बढ़ावा दे रही है जिसमें अधिक किफायती परिवहन ईंधनों की उपलब्धता को बढ़ावा देने, खेती के अवशिष्टों, मवेशियों के गोबर और नगरपालिका के ठोस अपशिष्टों के बेहतर प्रयोग की संभावना है और साथ ही साथ किसानों के लिए एक अतिरिक्त राजस्व स्त्रोत भी प्रदान किया जा सकता है। तेल पीएसयू आईओसी, एचपीसीएल, बीपीसीएल, जीएआईएल और आईजीएल ने संपीडित जैव गैस (सीबीजी) उत्पादन संयंत्रों की अधिप्राप्ति और ऑटोमोटिव ईंधनों में इस्तेमाल के लिए बाज़ार में सीबीजी उपलब्ध करवाने हेतु संभावित उद्यमियों से ईओआई आमंत्रित की है। बीपीसीएल की वेबसाइट (bpcleproc.in) एवं अन्य ओएमसी की वेबसाइट पर यह ईओआई उपलब्ध है।
संपीडित जैव गैस संयंत्र को मुख्यत: स्वतंत्र उद्यमियों के माध्यम से स्थापित करना प्रस्तावित है। इन संयंत्रों से उत्पादित सीवीजी को तेल पीएसयू के फ्यूएल स्टेशन नेटवर्क तक कैस्केड या पाइपलाइनों के जरिये पहुंचाया जायेगा ताकि इन्हें हरित परिवहन ईंधन के विकल्प के तौर पर विपणित किया जा सके। तेल पीएसयू ने सीबीजी अधिप्राप्ति की मूल कीमत 46 रूपये प्रति कि ग्रा का प्रस्ताव रखा है जो 250 बार पर आईएस 16987:2016 मानक संपीडित को पूरा करता है और उनके रिटेल आउटलेट में कैस्केड में पहुंचाए जाएंगे। यह मूल कीमत 01/10/2018 से तीन वर्षों के लिए तय की गई है। इन संयंत्रों से निकलने वाले अन्य सह उत्पादों को उद्यमी अलग से विपणित कर सकेगे जिसमें जैव खाद, कार्बन डाय ऑक्साइड इत्यादि शामिल है, ताकि निवेश का प्रतिलाभ बढ़ाया जा सके।
ईओआई
आवेदक www.bpcleproc.in में जाकर ईओआई के लिए आवेदन कर सकता है।
ईओआई को https://bpcleproc.in/EPROC/viewtender/83623 से डाउनलोड किया जा सकता है।