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पश्चिम बंगाल के रघुनाथगंज, मुर्शिदाबाद में 2.5 करोड़वां पीएमयूवाई कनेक्शन

2017-07-15

भारत सरकार
प्रेस सूचना ब्यूरो


भारत के माननीय राष्ट्रपति ने पश्चिम बंगाल के रघुनाथगंज, मुर्शिदाबाद में 2.5 करोड़वां पीएमयूवाई कनेक्शन लोकार्पित किया।
“2nd ‘‘उत्तर प्रदेश के बाद पश्चिम बंगाल में यह 2रा सबसे बड़ा उज्जवला कनेक्शन है’’ श्री धमेन्द्र प्रधान

एलपीजी कवरेज के विस्तार को पश्चिम बंगाल में बढ़ाने के लिए 600 से अधिक वितरकों की शुरूआत की जाएगी

प्रधान मंत्री उज्जवला योजना (पीएमयूवाई) के अंतर्गत 2.5 करोड़वां एलपीजी कनेक्शन रघुनाथगंज, मुर्शिदाबाद की श्रीमती गौरी सरकार को भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी के हाथों प्रदान किया गया, इस अवसर पर राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस श्री धमेन्द्र प्रधान और श्री अभिजीत मुखर्जी, माननीय सांसद जंगीपुर, पश्चिम बंगाल में आयोजित एक कार्यक्रम में आज मौजूद थे। इस अवसर ने 2.5 करोड़वां एलपीजी कनेक्शक को गरीबी रेखा से नीचे जीवन व्यापन करने वाली महिला लाभार्थियों के लिए पूरे देश में प्रारंभ की गई पीएमयूवाई योजना की पूर्णता को स्थापित किया।

11 लाभार्थियों पीएमयूवाई कनेक्शन वितरित करने के इस अवसर पर माननीय राष्ट्रपति ने पीएमयूवाई योजना के प्रति प्रसन्नता जाहिर की, जिसने 2.5 करोड़ कनेक्शन का आंकड़ा 14 महीनों के छोटे से अंतराल में पार कर लिया है।

पीएमयूवाई की शुरूआत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 1 मई 2016 को बलिया, उत्तर प्रदेश में की गई थी, जो आज देश भर में महिलाओं के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला रहा है, खासकर उनके जो समाज में लाभ से वंचित समूहों से हैं।

इस अवसर पर, श्री धमेन्द्र प्रधान ने माननीय राष्ट्रपति का धन्यवाद दिया कि उन्होंने पीएमयूवाई योजना के अधीन 2.5 करोड़वें एलपीजी कनेक्शन को प्रदान करने के लिए अपना बहुमूल्य समय दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 1 मई 2016 को बलिया, उत्तर प्रदेश में पीएमयूवाई योजना की शुरूआत के बाद 2.49 करोड़ कनेक्शन्स अब तक प्रदान किए जा चुके हैं। जिसमें से सबसे अधिक संख्या में कनेक्शन (55 लाख) उत्तर प्रदेश में जारी किए गए हैं। उन्होंने इंगित किया कि पूरे देश में दूसरे नंबर पर सबसे अधिक संख्या में कनेक्शन पश्चिम बंगाल में दिए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि पश्चिम बंगाल में एलपीजी कनेक्शन के विस्तार को फैलाने के लिए, 600 से अधिक वितरकों को राज्य में प्रारंभ किया जाएगा जिसमें से 50 से अधिक वितरकों को मुर्शिदाबाद में प्रारंभ किया जाएगा।

प्रधानमंत्री उज्जवला योजना पूरे देश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन व्यापन करने वाली महिलाओं को भोजन पकाने हेतु स्वच्छ ईंधन प्रदान करने की योजना है। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना का लक्ष्य साल 2019 तक 5 करोड़ गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को एलपीजी कनेक्शन प्रदान करना है और यह वर्ष 2019 तक 10 करोड़ नए एलपीजी कनेक्शन को जोड़ने के वृहद कार्यक्रम का एक हिस्सा है जिससे कि भारतीय परिवारों को इसकी पूरी व्याप्ति मिल सके। देश के इतिहास में यह पहली बार है कि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों की करोड़ों महिलाओं के लाभार्थ एक कल्याणकारी योजना का कार्यान्वयन कर रहा है। बीपीएल परिवारों की पहचान सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी) 2011 डाटा के आधार पर किया गया है। देश में रसोई के ईंधन की वैश्विक व्याप्ति को सुनिश्चित करने की दिशा में बीपीएएल परिवारों को एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने का यह कार्यक्रम एक मील का पत्थर साबित हुआ है। भोजन पकाने के स्वच्छ ईंधन ने मानवीय श्रम के साथ साथ भोजन पकाने में लगने वाले समय को भी कम किया है, और रसोई ईंधन की आपूर्ति श्रृंखला में ग्रामीण युवाओं को रोजगार भी प्रदान कर रहा है। पीएमयूवाई योजना के अंतर्गत रु.1600/- की सहायता भी महिला लाभार्थी को प्रदान की जाती है, जिसमें 14.2 किलोग्राम के सिलिंडर के लिए सुरक्षा जमाराशि तथा घरेलू प्रेशर रेग्युलेटर; सुरक्षा होस; घरेलू गैस उपभोक्ता कार्ड तथा संस्थापन प्रभार शामिल हैं।

वित्तीय वर्ष 2016-17 में तेल विपणन कंपनियों ने 3.25 करोड़ नए कनेक्शन पूरे देश में प्रदान किए हैं। किसी भी वर्ष के दौरान दिए गए कनेक्शन्स में यह अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में पीएमयूवाई कनेक्शन को पूरे देश में महिला लाभार्थियों तक पहुंचाने का कार्य किया गया है, और यह आंकड़ा सक्रिय एलपीजी ग्राहकों की कुल संख्या को 20.7 करोड़ तक पहुंचा चुका है। देश में एलपीजी की मांग ने विगत तीन वर्षों की अवधि में 33 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की है। 5000 से अधिक नए वितरकों को विगत तीन वर्षों के दौरान इसमें जोड़ा गया है जो विशेषतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित किए गए हैं और वे पीएमयूवाई द्वारा सृजित एलपीजी की बढ़ी हुई मांग को पूरा करते हैं।